Tuesday, October 20, 2009

सोचो सोचो सोचो ......

औलाद ने मुह मोड़ा
ये नौबत क्यो आई
jhaanko अपने अंदर
संस्कार देने में कमी आई

पैदा करना है आसान
पालन करना मुश्किल
ठीक उसी तरह से जैसी
मरना है आसान
पर जीना है मुश्किल
हाय तौबा मचा रहा है
आज अजानी इंसान
पैदा करने की कीमत मांगे
बच्चो से इंसान
सोचो सोचो .....
esaa क्यो

4 comments:

अजय कुमार said...

पैदा करना है आसान
पालन करना मुश्किल
ekdam sahi

M VERMA said...

पैदा करना है आसान
पालन करना मुश्किल
सार्थक सवाल उठाती सार्थक रचना
आधुनिक समय मे संस्कार की जरूरत बहुत ज्यादा है.

Razia said...

sundar rachanaa

dr.r.ramkumar said...

सुन्दर विचार... चिन्तन के दायरे बनते बनाते हुए