ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट कृति मनुष्य
कही खो गया है
अपने ही दिए नामो में
इस कदर उलझा हुआ है
खीझ ,बैचेनी ,तमतमाहट
और रेत तन जो रह गया है
विश्व की सुन्दरता ,
प्राक्रतिक सुषमा अब मन को
लुभाती नही है
भावो की मृदुलता
मन की कोमलता
पागलो की निशानी है
ये भाव नैतिकता की कहानी है
नैतिकता गए बीते जमाने
की बातें है
२१वी सदी फास्ट ट्रेक ज़माना
सीखो दुसरो की जेब से कैसे
है पैसे आना
Sunday, October 25, 2009
Thursday, October 22, 2009
बालक
हर पल मांगे ध्यान तुम्हारा
ध्यान न दो ,रो -रो घर भरे सारा
नटखट बचपन को पहचानो
बालक की जरुरत को जानो
मै छोटा सा बालक हू
माँ का आँचल ही पहचानू
कदमो की आहात को जानू
साँसों की खुशबु को पहचानू
माँ की गोद लगे है प्यारी
माँ भी देख मुझे बलिहारी
क्रेत्च मुझे दुश्मन है दिखता
खेल विद्यालय मुझे डराता
माँ के हाथो की सरगर्मी
चुपके से yu मुझे बताये
छोड़ crech में तुझको बच्चू
अब माँ अपने ऑफिस जाए
मै हू नन्हा सा शैतान
माँ की हरकत की मुझे जान
गोदी मै ही शुरू रोना
पकड़ के पल्ला और चिपकाना
कोई चीज मुझे न भाये
मैडम की aakhe डराए
subak सुबक कर मै रूऊ
माँ के आने की बात मई जोहू
ध्यान न दो ,रो -रो घर भरे सारा
नटखट बचपन को पहचानो
बालक की जरुरत को जानो
मै छोटा सा बालक हू
माँ का आँचल ही पहचानू
कदमो की आहात को जानू
साँसों की खुशबु को पहचानू
माँ की गोद लगे है प्यारी
माँ भी देख मुझे बलिहारी
क्रेत्च मुझे दुश्मन है दिखता
खेल विद्यालय मुझे डराता
माँ के हाथो की सरगर्मी
चुपके से yu मुझे बताये
छोड़ crech में तुझको बच्चू
अब माँ अपने ऑफिस जाए
मै हू नन्हा सा शैतान
माँ की हरकत की मुझे जान
गोदी मै ही शुरू रोना
पकड़ के पल्ला और चिपकाना
कोई चीज मुझे न भाये
मैडम की aakhe डराए
subak सुबक कर मै रूऊ
माँ के आने की बात मई जोहू
Tuesday, October 20, 2009
सोचो सोचो सोचो ......
औलाद ने मुह मोड़ा
ये नौबत क्यो आई
jhaanko अपने अंदर
संस्कार देने में कमी आई
पैदा करना है आसान
पालन करना मुश्किल
ठीक उसी तरह से जैसी
मरना है आसान
पर जीना है मुश्किल
हाय तौबा मचा रहा है
आज अजानी इंसान
पैदा करने की कीमत मांगे
बच्चो से इंसान
सोचो सोचो .....
esaa क्यो
ये नौबत क्यो आई
jhaanko अपने अंदर
संस्कार देने में कमी आई
पैदा करना है आसान
पालन करना मुश्किल
ठीक उसी तरह से जैसी
मरना है आसान
पर जीना है मुश्किल
हाय तौबा मचा रहा है
आज अजानी इंसान
पैदा करने की कीमत मांगे
बच्चो से इंसान
सोचो सोचो .....
esaa क्यो
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