Friday, May 7, 2010

प्रार्थना

हम है बालक नादाँ
दिल में हमारे वफ़ा हो
सच को देखे , सच को समझे
सच को ईश माने
सुंदर धरा
विस्तृत गगन
ऐसा हो हमारा मन
कोयल की कू कू
मोर की पिहू
हम सदा गुनगुनाये
इस धरा को
आओ मिलकर
हम स्वर्ग बनाये
उड़ते पक्षी
बहता पानी
सुंदरता की
कहता कहानी
आओ खो जाये ........