हम है बालक नादाँ
दिल में हमारे वफ़ा हो
सच को देखे , सच को समझे
सच को ईश माने
सुंदर धरा
विस्तृत गगन
ऐसा हो हमारा मन
कोयल की कू कू
मोर की पिहू
हम सदा गुनगुनाये
इस धरा को
आओ मिलकर
हम स्वर्ग बनाये
उड़ते पक्षी
बहता पानी
सुंदरता की
कहता कहानी
आओ खो जाये ........
Friday, May 7, 2010
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