वेद पुराण सभी कहते हैं, तू तो भगवान है
तू ही अम्बा, तू जगदम्बा, तू शक्ति महान है
इस दुनिया को मैं भी देखूं, ये मेरा अरमान है
मेरी हत्या मत कर माता, मैं तेरी संतान हूँ
बेटी पूछे माँ से आज, क्यों ना तुझे स्वीकार हूँ
जन्म से पहले मारे मुझको
मेरा क्या अपराध है
दिल ही दिल में घुटती हूँ मैं
पूंछू क्या भगवान से
मेरा ईश्वर मुझसे रूठा
किसको करूं शिकायत मैं
मैं भी जीना चाहती हूँ माँ
मेरी अच्छी प्यारी माँ, मेरी बहुत दुलारी माँ
मुझको भी जीवन दे दो, मैं भी जीना चाहती माँ
लड़कों से भी आगे बढ़कर, मैं तुझको दिखलाऊंगी
धरती जैसी धीरज मुझमे, चंदा जैसी शीतलता
सूरज जैसा तेज़ है मुझमे, नदियों जैसी चंचलता
लहर-लहर लहराऊँ ऐसे, जैसे फूलों की डाली
बोली ऐसी मेरी जैसे कोयल गाती मतवाली
जितना गर्व हिमालय में है, उतनी मैं भी गर्वीली
जितनी कोमल, उतनी हठीली, उतनी ही मैं शर्मीली
अब बोलो माँ ---
क्या अब भी मुझको मार डालोगी
जन्म से पहले ही, मेरा गला घोट दोगी
अपनी इस बेटी को माँ, क्या ममता का अंचल दोगी
क्या मुझको जन्म दोगी माँ?
21 comments:
Maa ko mera salaam. Bitiya ko bhi janm de, bus yehi paigam
सुबह मेल खोलते ही आपका लेख पदा जो कि मन को छू गया अब माँ क़ॉ बॆटिय़ॉँ का इंतजार है बस वह बडी हो कर दूर चली जाती हैँ मेरा भी ब्लोग पदियेगा आपको अच्छा लगेगा
अच्छे भाव की रचना।
महिला मुक्ति आन्दोलन का समाज पे इतना प्रभाव है।
कि जन्म से पहले ही मुक्ति का प्रस्ताव है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बहुत दर्द भरी भावना व्यक्त की आपने और हमने पढ़ी !! पर पढ़ने और लिखने भर की हैं !! असर कहाँ होता किसी पे ? इंसान को तो जानवर भी नहीं कह सकते, इस मामले मैं क्योंकि जानवर भी लिंग भेद नहीं करता, क्या कहें ? पिशाच ? नहीं वो भी लिंग भेद नहीं करते, और अब क्या कहें उससे ऊपर हो गया इंसान !!
Marmik ....Bhavpoorn !!!
kanya bhroon hatya aaj hariyaanaa hi nahi poore desh ki sabse bhayanak samasyaa hai. aapne ise utne hi prabhavshaali dhang se uthaayaa hai .
dhanyavaad
bbhust bhauk si rachna hai aapki.
ek bachhi ki pukar,janni ke naam,
ye dard bhari dastan ek maa ke naam
kya mujhko janam dogi maa.........?
maa hai mamta ka naam..
mamta ki laj rakh lo maa...
DIL KO CHU LIYA AAPKI RACHNA NE......
बहुत मार्मिक भावपूर्ण रचना.
माँ ---क्या अब भी मुझको मार डालोगीजन्म से पहले ही, मेरा गला घोट दोगीअपनी इस बेटी को माँ, क्या ममता का अंचल दोगीक्या मुझको जन्म दोगी माँ?
बहुत मार्मिक सम्बेदनायो से भरी भावः पूर्ण रचना आज की ज्वलंत समस्या को दर्शाती मेरी बधाई स्वीकार करो
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
मार्मिक लेकिन बहुत सुन्दर भाव लिये बडिया कविता शुभकामनायें आभार्
bahut hi gehri baat kahi hai aapne.......
samajh nahi aata aage kya kahuin........
मार्मिक रचना ने दिल छू लिया !
aapki rachna behad achhi hai...
ek ghtna ne mahilao ki sthiti par cartoon banane par majboor kar diya... is cartoon ko aap jaroor dekhen aour apne vichar se mujhe avshay hi avgat karayen....
मार्मिक संवेदना लिए दिल तो छोटी रचना..
बहुत खूब..
भावप्रणव मार्मिक रचना के लिए बधाई।
Achchi rachna hai.Shubkamnayen.
अच्छे भाव की रचना।
Bhavpoorn laga !!!
सचमुच काफी अच्छे भाव बने हैं। बधाई।
मन को छूती,सुन्दर,मार्मिक,भावपूर्ण रचना....
रचना बहुत अच्छी लगी....बहुत बहुत बधाई....
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